त्रिकुटा धाम ट्राईकॉन सिटी में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया करवा चौथ पर्व
महू। ट्राईकॉन सिटी स्थित त्रिकुटा धाम मंदिर में करवा चौथ का पर्व हर्षोल्लास के साथ पारंपरिक माहौल में मनाया गया। इस अवसर पर करीब डेढ़ सौ महिलाओं ने भाग लिया। पिछले दो वर्षों से यह आयोजन लगातार किया जा रहा है, कार्यक्रम में स्वर्ण सिटी, दतोदा, जोशीगुड़िया, मोरोद, उमरिखेड़ा, अनुराधानगर और सिमरोल की महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भागीदारी निभाई।
कार्यक्रम में महिलाओं के लिए अनेक रोचक प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जिनमें सर्वश्रेष्ठ मेहंदी, मिसेज करवा चौथ, सर्वश्रेष्ठ पूजा थाली, बेस्ट परफॉरमेंस जैसी आकर्षक प्रतियोगिताएं शामिल थीं। इस वर्ष के करवा चौथ सेलिब्रेशन 0.2 की मुख्य अतिथि आईएएस प्रीति अग्रवाल (अध्यक्ष, पोस्ट ऑफिस) रहीं। उन्होंने अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में महिलाओं को सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ने का संदेश दिया। मुख्य आयोजक कक्षा प्री-स्कूल की संचालिका परिधि शर्मा ने बताया कि यह आयोजन महिला सशक्तिकरण और सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण का प्रतीक है। कार्यक्रम में हर वर्ष की तरह इस बार भी ‘नारी शक्ति सम्मान’ प्रदान किया गया, जो इस वर्ष डॉ. सीमा रावत और प्रमिला को दिया गया। उन्हें यह सम्मान पिछले वर्ष की विजेता रत्ना और विनीता द्वारा प्रदान किया गया।

पूजन कार्यक्रम सुबह 11 बजे पंडित जी के मंत्रोच्चारण के साथ प्रारंभ हुआ। सभी महिलाओं ने पूरे विधि-विधान से पूजा, हवन और आरती में भाग लिया। इसके पश्चात दोपहर 2 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारंभ हुआ। गणेश वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत हुई, वहीं रेडियो जॉकी साक्षी की उपस्थिति ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए। यह सभी के लिए नया और उत्साहजनक अनुभव रहा।
कार्यक्रम के निर्णायक मंडल में राजश्री, नीलू, मेघा, नेहा, रितिका और विनीता शामिल थीं, जिन्होंने विभिन्न श्रेणियों में विजेताओं को पुरस्कृत किया। ट्राईकॉन सिटी की निवासी उषा मालाकार, पूनम चावला, रेनू अरोरा, अर्चना विष्कर्मा, साधना रंजन, सना रावत, सुनीता भाटिया, मेघा परादे और कृतिका मुद्गल ने बताया कि वे पिछले दो वर्षों से इस कार्यक्रम का हिस्सा बन रही हैं और यह पर्व अब सभी महिलाओं के लिए आनंद, सौहार्द और परंपरा का प्रतीक बन चुका है। कार्यक्रम के समापन पर सभी महिलाओं को स्मृति उपहार प्रदान किए गए और सामूहिक फोटो सेशन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
तहसीलदार ने किया अस्पतालों का औचक निरीक्षण, बाहर की सफाई पर जताई नाराजगी
देपालपुर। शुक्रवार को तहसीलदार धर्मेंद्र चौकसे ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देपालपुर का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अस्पताल के अंदरूनी हिस्से की साफ-सफाई संतोषजनक पाई गई। दवा वितरण व्यवस्था की भी बारीकी से जांच की गई, जहां डॉक्टरों द्वारा लिखी गई पर्चियों के अनुसार ही मरीजों को दवाइयां दी जा रही थीं। तहसीलदार ने अस्पताल में भर्ती मरीजों से उपचार संबंधी जानकारी ली और अस्पताल प्रबंधन के कार्यों का भी मूल्यांकन किया। उन्होंने कहा कि अस्पताल के भीतर की व्यवस्था तो ठीक है, लेकिन अस्पताल परिसर के बाहर सफाई व्यवस्था में काफी लापरवाही नजर आई, जिस पर उन्होंने असंतोष जताया और संबंधितों को सुधार के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान डॉ. चंद्रकला पंचोली, डॉ. सुमित चौहान, डॉ. सतीश पंवार, डॉ. कविता और डॉ. अरसलान ड्यूटी पर उपस्थित मिले। तहसीलदार ने दवा भंडार में जाकर स्टॉक की भी जांच की और जरूरी दिशा-निर्देश दिए।

इसके बाद तहसीलदार चौकसे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र अटाहेड़ा पहुंचे, जहां उन्होंने दवाइयों की उपलब्धता और रिकॉर्ड का निरीक्षण किया। इस दौरान यह पाया गया कि केंद्र प्रभारी डॉ. सरिता पांडे दोपहर दो बजे तक ओपीडी देखकर रवाना हो गई थीं, जबकि तहसीलदार करीब तीन बजे पहुंचे। पूरे निरीक्षण के दौरान ड्रग इंस्पेक्टर योगेश गुप्ता कहीं नजर नहीं आए, जिसकी जानकारी भी तहसीलदार ने संबंधित अधिकारियों तक पहुंचाने की बात कही। अस्पताल प्रबंधन को तहसीलदार ने स्पष्ट निर्देश दिए कि मरीजों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होनी चाहिए और बाहरी परिसर की सफाई व्यवस्था में तत्काल सुधार किया जाए।
सुदर्शन राष्ट्र निर्माण के राष्ट्रीय प्रभारी डॉ. पवन आर्य को देशभर से मिल रही शुभकामनाएं
राजेश धाकड़
राजगढ़ (म.प्र.)। सुदर्शन न्यूज एवं सुदर्शन राष्ट्र निर्माण संगठन के राष्ट्रीय प्रभारी, प्रखर हिंदुत्व विचारक, कुशल संगठनकर्ता एवं तेजस्वी वक्ता डॉ. पवन आर्य को आज जन्मदिन के अवसर पर देशभर से शुभकामनाएं प्राप्त हो रही हैं।
यह दिन विशेष इसलिए भी है क्योंकि आज उस कर्मयोगी का जन्मदिन है जिसने अपना संपूर्ण जीवन राष्ट्र निर्माण, समाज सेवा, हिंदुत्व जागरण और सनातन संस्कृति के उत्थान को समर्पित किया है।
डॉ. पवन आर्य न केवल संगठन के एक प्रमुख स्तंभ हैं, बल्कि उन्होंने अपने विचारों और कर्मों से युवाओं में राष्ट्रभक्ति की अलख जगाई है। धर्म, संस्कृति और राष्ट्र गौरव की रक्षा के लिए उनके निरंतर प्रयासों ने जन-जन के मन में राष्ट्र चेतना का संचार किया है। उनका जीवन संदेश स्पष्ट और प्रेरणादायी है — “बोलना आसान है, लेकिन राष्ट्र के लिए कार्य करना ही सच्चा तप है।”
संगठन कार्य में पूर्ण रूप से लीन डॉ. पवन आर्य जहां भी जाते हैं, वहां लोगों के मन में यह भाव स्वतः उमड़ पड़ता है कि वे डॉ. सुरेश चव्हाणके जी के हनुमान हैं। महाराष्ट्र के एक प्रसिद्ध संत एवं महामंडलेश्वर, जिनका आश्रम गोदावरी तट पर स्थित है, ने अपने एक वीडियो संदेश में कहा है कि — “डॉ. सुरेश चव्हाणके जी के साथ डॉ. पवन आर्य साक्षात पवनपुत्र हनुमान जी की तरह समर्पित और सहयोगी हैं, जो राष्ट्र कार्य में सदैव अग्रणी रहते हैं।” डॉ. आर्य के प्रति यह सम्मान उनके राष्ट्रनिष्ठ विचारों, कर्मठता और अटूट समर्पण का प्रमाण है।
मध्यप्रदेश से मिली हार्दिक शुभकामनाएं
इस अवसर पर मध्यप्रदेश प्रदेश सह-संयोजक एवं दैनिक समर्थ सहारा के संपादक चंद्रमोहन दुबे, संभाग संयोजक विष्णु नायक, सह-संयोजक सुशील व्यास, जिला अध्यक्ष सीहोर यदुराज सिंह चौहान, इंदौर जिला अध्यक्ष योगेश जाट, मीडिया प्रभारी राजेश धाकड़ (इंदौर) एवं नागेश पाटीदार ने उन्हें जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं प्रेषित कीं।
दशहरा और हमारी मर्यादाएं
सम्पादकीय
सम्पादक : अंकित राठौड़
आज देशभर में विजयादशमी का पर्व हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। जगह-जगह रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतले जलाकर बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक प्रस्तुत किया जाएगा। लेकिन सवाल यह है कि क्या केवल पुतले दहन कर देने से बुराई समाप्त हो जाती है? क्या समाज के भीतर पनप रही कुरीतियां, भ्रष्टाचार, अपराध, अन्याय और नारी-असमानता का अंत हो पाया है?
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने अपने जीवन से हमें आदर्श दिए। उन्होंने हर परिस्थिति में अपनी मर्यादाओं का पालन किया, चाहे पुत्र धर्म हो, भ्रातृधर्म, पति का कर्तव्य हो या राजा की जिम्मेदारी। उनके लिए सत्य, करुणा, संयम और धर्म सर्वोपरि थे। यही कारण है कि आज भी वे भारतीय संस्कृति के सर्वश्रेष्ठ आदर्श पुरुष कहे जाते हैं।
आज के समय में हम रावण का पुतला तो जलाते हैं, पर भीतर बैठी रावणी प्रवृत्तियों को पोषित करते रहते हैं। अहंकार, लोभ, ईर्ष्या, हिंसा और स्त्री के प्रति अनादर जैसी बुराइयां आज भी समाज में फैली हुई हैं। दहेज प्रथा, कन्या भ्रूण हत्या, नशाखोरी, भ्रष्टाचार और जातीय भेदभाव जैसे कई आधुनिक रावण हमारे चारों ओर खड़े हैं। इनका अंत केवल आतिशबाजी से नहीं होगा, बल्कि आचरण से होगा।
दशहरा हमें यह स्मरण कराता है कि यदि बुराई कितनी भी शक्तिशाली क्यों न हो, अंततः पराजित होती है। लेकिन शर्त यही है कि हम भी राम की तरह आत्मसंयम, कर्तव्यनिष्ठा और सत्य के मार्ग पर चलें। समाज की कुरीतियों को बदलने की जिम्मेदारी हम सभी की है। नारी का सम्मान करना, उनके अधिकारों की रक्षा करना, बच्चों में अच्छे संस्कार भरना और स्वयं अपने आचरण को शुद्ध रखना यही असली रावण दहन है। इस पर्व पर संकल्प लेना चाहिए कि हम केवल उत्सव तक सीमित न रहें, बल्कि अपने जीवन को भी राम के आदर्शों से जोड़ें। तभी विजयादशमी का सही अर्थ साकार होगा और अच्छाई की विजय वास्तविक रूप से संभव होगी।
दशहरा पर महू कोतवाली में हुआ शस्त्र पूजन, एडिशनल एसपी और थाना प्रभारी ने दी शुभकामनाएं
महू। विजयादशमी के पावन पर्व पर महू कोतवाली थाने में पारंपरिक रूप से शस्त्र पूजन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एडिशनल एसपी रूपेश द्विवेदी एवं थाना प्रभारी राहुल शर्मा ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विधिवत रूप से शस्त्रों की पूजा की।
पुलिस विभाग की परंपरा के अनुसार, शस्त्र पूजन शक्ति और धर्म की रक्षा का प्रतीक माना जाता है। पूजन कार्यक्रम के दौरान कोतवाली थाना का समस्त पुलिस स्टाफ उपस्थित रहा और पूरे विधि-विधान के साथ कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।

पूजन के पश्चात एडिशनल एसपी रूपेश द्विवेदी एवं थाना प्रभारी राहुल शर्मा ने समस्त स्टाफ को दशहरा पर्व की शुभकामनाएं दीं और उन्हें कर्तव्यनिष्ठा एवं जनसेवा के लिए प्रेरित किया। पुलिस विभाग द्वारा आयोजित यह कार्यक्रम न सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक रहा, बल्कि पुलिस कर्मियों के मनोबल और सेवा भाव को भी सुदृढ़ करने वाला रहा।
रास-ए-रंग गरबा महोत्सव में गूंज रहे भक्तिमय गीत, उमड़ रहा आस्था का सैलाब
महू। नवरात्रि पर्व पर महू में मां जगदंबा की भक्ति और गरबा रास का अद्भुत संगम देखने को मिल रहा है। रास-ए-रंग गरबा महोत्सव में प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु महिलाएं और युवतियां पारंपरिक परिधानों में सुसज्जित होकर गरबा रास की प्रस्तुतियों के माध्यम से मां की आराधना कर रही हैं। पूरा परिसर भक्तिमय गीतों और तालियों की गूंज से आलोकित हो रहा है।

पांच दिवसीय इस भव्य आयोजन में आस्था और उल्लास का अनोखा रंग देखने को मिल रहा है। यहां मां जगदंबा के जयकारों के बीच महिलाएं गरबा नृत्य करते हुए मां से सुख-शांति, समृद्धि और कल्याण की कामना कर रही हैं। रंग-बिरंगे परिधानों में सजी-धजी बालिकाओं से लेकर बुजुर्ग महिलाओं तक सभी गरबा रास में पूरे उत्साह के साथ शामिल हो रही हैं।
इस गरबा महोत्सव का आयोजन भाजपा युवा नेता अक्षत शर्मा द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि महोत्सव का उद्देश्य परंपरा और संस्कृति को जीवंत रखना है, ताकि आने वाली पीढ़ियां भी गरबा रास के माध्यम से भक्ति और आनंद की इस धारा में शामिल हो सकें। 27 सितम्बर से शुरू हुआ रास ए रंग गरबा महोत्सव 1 अक्टूबर तक चलेगा, जिसमें प्रतिदिन की तरह मां अम्बे की महाआरती के बाद गरबा रास का भव्य आयोजन होगा।
शरारती तत्वों ने डालना चाहा खलल
इस भव्य गरबा रास महोत्सव की पावनता और आस्था को कुछ शरारती तत्वों ने बिगाड़ने का प्रयास किया। जलन और द्वेष की भावना से आयोजन समिति के लगाए गए फ्लेक्स और पोस्टर भी फाड़ दिए गए। लेकिन आयोजक मंडल ने इस नकारात्मकता को नज़रअंदाज़ करते हुए सब कुछ मां भगवती की इच्छा पर छोड़ दिया और महोत्सव को पहले की तरह श्रद्धा और उल्लास के साथ आगे बढ़ाया।
महू थाने में गूंजा भक्ति रस, सुंदरकांड पाठ में थिरके पुलिसकर्मी
भजनों और प्रसादी से महका थाना परिसर, बच्चों की मुस्कान बनी मुख्य आकर्षण
महू। गुरुवार को महू कोतवाली थाने का नज़ारा बिल्कुल बदला-बदला सा था। यहां हर तरफ श्रद्धा, भक्ति और उल्लास का माहौल था। मौका था थाना क्षेत्र की सुख-शांति और समृद्धि की कामना के लिए आयोजित सुंदरकांड पाठ का। सुबह 11ः30 बजे आरंभ हुआ पाठ दोपहर तक चलता रहा और इस दौरान पूरा थाना परिसर वीर हनुमान और श्री राम भक्ति में सराबोर हो गया।

पुलिसकर्मी न केवल श्रद्धापूर्वक पाठ में सहभागी बने बल्कि भजनों की मधुर धुन पर थिरकते भी दिखे। थाना प्रभारी राहुल शर्मा की अगुवाई में आयोजित इस धार्मिक अनुष्ठान में एएसपी रूपेश द्विवेदी, एसडीएम राकेश परमार, एसडीओपी ललित शिखरवार, नायब तहसीलदार राधावल्लभ धाकड़, किशनगंज व बड़गोंदा थाना प्रभारी सहित थाना स्टाफ और पत्रकार मौजूद रहे।

पाठ अनुष्ठान कार्यक्रम अंतर्गत चौपड़ा वाटिका गार्डन में महाप्रसादी का आयोजन किया गया। शुरुआत मासूम बच्चों को भोजन परोसकर हुई। इसके बाद थाना प्रभारी राहुल शर्मा ने बच्चों को फल और उपहार भेंट किए। नन्हें-मुन्नों के चेहरे पर खुशी देख उपस्थित सभी लोगों का मन खिल उठा। प्रसादी का आनंद बाद में पुलिस अधिकारियों, कर्मचारियों और पत्रकारों ने भी मिलकर लिया। इस दौरान पुलिस अधिकारियों ने कहा ऐसे आयोजन से न केवल आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है बल्कि थाना परिसर में सकारात्मक और शांत वातावरण भी स्थापित होता है। यह पहल पुलिस और समाज के बीच रिश्तों को और अधिक प्रगाढ़ करती है।